- 329 Posts
- 1555 Comments
आजकल जिंदगी की गाड़ी बहुत मस्त चाल में चल रही है, वजह साफ है, अपनी सोच व शब्दों को साकार रूप में लाने के लिए जिस प्लेटफार्म की तलाश थी, वह किस्मत से जागरण जंक्शन पर मिल गया. अब क्या जब मन किया इंटरनेट पर गए और लिख डाली, पच्चीसतीस लाइने. कोई तो पढ़ेगा, और पढक़र अच्छा लगा तो उत्साहवर्धन के रूप में अपना कमेंट्स दे ही देगा. इस जंक्शन के ट्रैक पर अपनी सोच को दौड़ाने के लिए कोई रोकटोक भी नहीं है. अब यह हमारी सोच पर निर्भर करता है कि हम कहां तक और कितना बेहतर लिख सकते है. इसमें कोई बनावटीपन भी नहीं है और न ही अपने बॉस का डर या पब्लिक का खौफ. अरे यह क्या लिख गया, दिमाग तो ठिकाने पर है. बस दिल से निकली आवाज को स्क्रीन पर जगह मिली. साथ ही उन लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का बेहतरीन मौका मिला, जो शानदार एयरकंडीशंस रूम में बैठकर अपने लेपटॉप पर ही सारी दुनिया की खोजखबर ले लेते है, ठीक पुरानी फिल्मों के जादूगर की तरह जो अपने ग्लोब पर ही राजकुमार की पोजीशन का पता लगा लिया करते थे. दिन में कम से कम चारपांच बार जागरण जंक्शन डॉट कॉम पर नहीं गए, तो लगता है आज कुछ किया ही नही. कभी तो ऐसा लगता है कि अगर यह जंक्शन शुरू न होता, तो क्या हमारे लेखक मन को टै्रक मिल पाता, शायद नहीं. हम भी गुमनामी के अंधेरे में किसी टै्रक के इंतजार में अपने दिन बिता रहे होते, जैसे मुंबई में ना जाने कितने युवा एक अदद फिल्म करने के लिए अपनी उम्र गुजार देते है पर कभी सिल्वर स्क्रीन पर उनकी झलक तक भी नहीं दिखती. पर हम तो बहुत अच्छी किस्मत लेकर आए है न, तभी तो वक्त रहते हमको मिल गया वह ट्रैक जिस पर बेधड़क दौड़ाएंगे अपनी सोच व शब्दों की रेल.
Read Comments