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कम्प्यूटर ने बना दिया निकम्मा

Harish Bhatt
Harish Bhatt
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आज की तारीख का सबसे बड़ा अजूबा ‘कम्प्यूटर’. अगर कम्प्यूटर पर इंटरनेट की सुविधा हो तो क्या कहने. पलक झपकते ही दुनिया के किसी भी कोने में पहुंचा देता है कम्प्यूटर. कम्प्यूटर की विश्वसनीयता और कार्यक्षमता की तो कोई सीमा ही नहीं है. आप चाहे गेम खेले, गाने सुने या फिर अपने आफिस का फाइल वर्क हो सभी आपकी वर्किंग टेबल पर रखी स्क्रीन पर हो सकता है. अब चाहे रेलयात्रा की इच्छा हो या हवा में सफर करना हो, कही भी किसी भी लाइन में लगने की जरूरत नहीं है. बस अपनी उंगलियों को थोड़ा कष्ट देने की आवश्यकता है. हर तरह की सुविधा आपको उपलब्ध हो जाएगी. हर चीज को इतना आसान बना दिया है कि जितना हम सपने में भी नहीं सोच सकते. सात समुंदर पार बैठे अपने प्रिय की याद आए तो अपने कम्प्यूटर को याद कीजिए आपका गुलाम (कम्प्यूटर) उसके साक्षात दर्शन करवा देगा. कहते है कि एक हाथ ले और दूसरे हाथ दे. कम्प्यूटर ने हमको बहुत दिया और दे रहा है. पर उसने हमसे छीना है हमारा रोजगार, लाखों बेरोजगार हो गए. जिन मशीनों को चलाने के लिए मानवी शक्ति की आवश्यकता थी, आज वही काम कम्प्यूटर अपने आप कर रहा है. कभीकभी सोच कर हैरानी होती है, अगर कम्प्यूटर न हो तो क्या होगा, क्या हमारा अखबार सुबहसुबह हमारे सामने आ पाएगा. कभी एक रिजल्ट देखने के लिए रातों की नींद हराम हो जाती थी. डाकिए के इंतजार में आंखे पथरा जाती थी और डाकिया था उसको हमारी गली में आने की फुर्सत ही नहीं मिलती थी आज उस बेचारे की हालत यह है कि उसके पास वह लिफाफा ही नहीं रहा. हम आदमी तो थे बड़े काम के, पर कम्प्यूटर ने निकम्मा बना दिया. उसने छीन ली हमारी काम करने की क्षमताएं, लगा दिया हमारी सोच पर विराम. अरे हजूर जब कम्प्यूटर मौजूद है तो काहे को अपना दिमाग भिड़ाए.

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