Harish Bhatt
- 329 Posts
- 1555 Comments
जागो, जागो
कब तक सोते रहोगे
यूं ही बेसुध, बेखबर
घर में घुस आया दुश्मन
अब तो
अपने भी बन रहे दुश्मन
जला रहे घर अपना
आ रही भ्रष्टाचार की बू
जागो, जागो
क्या यूं ही सोते रहोगो
क्या हो गया तुम्हें
क्या कट गई है नाक तुम्हारी
या सुन्न हो गया मस्तिष्क
जागो, जागो
आखिर किसका है इंतजार
अब न आएगे राम-कृष्ण
न बनेगा कोई गांधी- सुभाष
बस अपनी धरती पुकार रही
बचाओ, बचाओ
जागो, जागो सिर्फ एक बार उठो
और दिखा दो ताकत अपनी
डरो मत
नहीं बहाना रक्त का दरिया
नहीं करनी कोई क्रांति
बस करना है तो सिर्फ और सिर्फ
एक बार ईमानदारी से
दे देना अपना मत
जागो, जागो
आखिर कब तक यूं ही सोते रहोगे
वक्त रहते बचा लो अपना घर
नहीं तो न बचेगा घर, न बचेंगे हम
फिर कौन सोएगा, और कौन जागेगा
जागो, जागो सिर्फ एक बार
और लिख डालो
स्वर्णिम भविष्य की नई गाथा.
Read Comments