Harish Bhatt
- 329 Posts
- 1555 Comments
काली स्याह रात को
नई सुबह के इंतजार में
गुजरते देखा है
एक मामूली से शख्स को
लोगों की उम्मीदें बनते देखा है
साथ ही देखा है
हर दिन को ढलते हुए
रात के करीब जाने के लिए
और देखा है
लोगों की उम्मीदों को टूटते हुए
अब तो समझ भी आता है
क्यों टूटती है उम्मीदें
क्योंकि हमको नहीं होता
खुद पर भरोसा
इसलिए टूटती है उम्मीदें
ढलता है दिन
और आ जाती है काली स्याह रात
Read Comments