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अन्ना की आवाज को मिले जबरदस्त जन समर्थन के चलते जहां ने सरकार घुटने टेक दिए है, वहीं विपक्ष पूरी तौर पर अन्ना के साथ आ खड़ा हुआ है। तब यह बात समझ नहीं आ रही है कि अब जनलोकपाल बिल पर बहस की जरूरत क्यों? पहले माना जा रहा था कि सरकार को बिल पास कराने में परेशानी हो रही है। क्योंकि उसको संदेह था कि विपक्ष इस बिल को पास करने की राह में रोड़े अटका जा सकता है। लेकिन अब तो विपक्ष भी अन्ना के साथ आ खड़ा हुआ है। अब सरकार को क्या दिक्कत है। फिर सबसे बड़ी बात जब इस देश का हर नागरिक चाहता है कि जनलोकपाल बिल बनें, तो फिर सरकार क्यों आना-कानी कर रही है। आज हर कोई चाहे गरीब हो या अमीर अपनी खुशी से अन्ना की आवाज से आवाज मिला रहा है। आजादी के बाद से लेकर अब तक किसी भी शख्स को इतना समर्थन नहीं मिला। यह तो जगजाहिर है कि भ्रष्टाचार से हर कोई आहत है। फर्क है तो सिर्फ इतना कि कोई 20 रुपए की रिश्वत देकर दुःखी है तो कोई करोड़ों का घोटाला करके भी खुश नहीं है। अभी कुछ दिन पहले बाबा रामदेव भी रामलीला मैदान पहुंचे थे भ्रष्टाचार के खिलाफ महाभारत का आगाज करने, लेकिन वह खुद ही विवादों में घिरे थे, तो सरकार ने भी रातों-रात उनको वापस आश्रम में भिजवा दिया। लेकिन कहा जाता है कि हर शख्स एक जैसा नहीं होता। जैसे हर कोई गांधी नहीं बन सकता, वैसे ही हर कोई अन्ना नहीं बन सकता। इसलिए अन्ना, अन्ना है। बुलंद भारत की, बुलंद शख्सियत – अन्ना हजारे। अन्ना को हल्के में लेने वाली सरकार के नुमांइदे अब अपनी झेंप मिटाने में लगे है, अन्ना पर दहाड़ने वाले अब माफी मांगते फिर रहे है। आज अन्ना ने देशवासियों को अपने हक के लिए लड़ना सीखा दिया है, उन्होंने बता है कि अपने हक के लिए कैसे लड़ा जाता है। हर पांच साल में घर की चौखट पर हाथ जोड़े नेता जी कैसे मुंह फेर लेते है, इस बात का अहसास भी होने लगा है। यहां पर एक ओर बात है कि लोकतंत्र में चौथा खम्भा माने वाला मीडिया अपनी भूमिका पर खरा उतरता है, रातों-रात अन्ना की आवाज को घर-घर पहुंचा कर उसने जो सराहनीय कार्य किया है, उसकी तो कभी तुलना ही नहीं की जा सकती हैं। यहां पर एक बात समझ नहीं आ रही है कि अन्ना के साथ-साथ देश की जनता चाहती है कि जन लोकपाल बिल पास हो जाए, विपक्ष भी कहता है कि वह अन्ना के साथ है, इस देश से भ्रष्टाचार मिटाना चाहता है, दूसरी ओर कांग्रेस कहती है कि देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए वह कटिबद्ध है। जब सभी जन लोकपाल बिल के साथ-साथ देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहते है तो फिर क्यों समय खराब किया जा रहा है, आखिर देश हमारा है, हमको ही बचाना है तो फिर क्यों दिन पर दिन खराब किए जा रहे है, आखिर किस बात का इंतजार है?
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