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मोदी के नाम पर इतना बवाल क्यों?

Harish Bhatt
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हर तरफ हल्ला मचा हुआ है, नरेंद्र मोदी भारत के अगले प्रधानमंत्री बनने चाहिए, तो कोई चिल्ला रहा है कि नहीं, नहीं, मोदी पीएम नहीं बनने चाहिए. अब कोई यह पूछने वाला नहीं है कि मोदी भारत के प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकते, जबकि दूसरे देश में जन्मी कांग्रेस सुप्रीमो को पीएम बनाने की बात हो सकती है. मोदी के नाम पर इतना बवाल क्यों? मोदी इस देश के पीएम बन जाएगे तो क्या तूफान आ जाएगा, देश तबाह हो जाएगा. ज्यादा से ज्यादा पांच साल ही तो मोदी पीएम पद पर रह पाएगे, अगर उन्होंने सही तरीके से कार्य नहीं किया तो उनको हराया जा सकता है. वैसे भी इस देश की जनता ने नकारा लोगों को भी पीएम के रूप में स्वीकार किया ही है. मान लिया जाए कि मोदी पीएम पद की कसौटी पर खरे नहीं उतरे और वह भी अपने पूर्व प्रधानमंत्रियों की भांति नकारा साबित हो गए, तो कोई बात नहीं. वैसे भी आज तक भी आम आदमी रो ही रहा है, थोड़ा और रो लेगा. अगर कही मोदी सफल हो गए तो सच मानिए देश की तस्वीर ही बदल जाएगी. कोई माने या न माने वर्तमान में मौजूद नेताओं में सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी ही देश की बागडोर संभालने में सक्षम है. एक बात यह भी है कि भारत में अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग अलापने वालों की कमी नहीं है, फिर चाहे उनके सुर बेसुरे क्यों न हो. अधिकांश जनता चाहती है कि मोदी एक बार देश की सत्ता जरूर संभाले. दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि बहुमत पर व्यक्तिवाद हावी हो जाता है. हो भी क्यों न अपने कुएं से बाहर निकलने की हिम्मत भी होनी चाहिए. पूरे पांच साल तक कांग्रेस को जी भर कर कोसने के बाद पुन: कांग्रेस को सत्ता सौंप दी जाती है, क्यों? दूसरी ओर रही बात भाजपा की तो उसके बारे में कहना ही क्या, उनके पास मौजूदा समय का सबसे कद्दावर नेता नरेंद्र मोदी उपलब्ध है, जो आम भारतीय की पहली पसंद भी है. लेकिन उनके अति महत्वाकांक्षी नेताओं को इस बात में भी दिक्कत हो रही है. एक तो किसी भी राजनीतिक दल के पास इतना सशक्त प्रत्याशी ही उपलब्ध नहीं है और जिनके पास है, उनके नखरे इतने बढ़ गए है कि उनकी पार्टी को ही झेलने भारी पड़ रहे है. रही बात आरोपों की तो कोई भी नेता दूध का धुला नहीं है, हरेक नेता आरोपों की एक लंबी फेहरिस्त है. कोई सिखों का अपराधी, तो कोई हिंदुओं का गुनाहगार तो कोई मुस्लिमों का, तो कोई ईसाइयों का. कुल मिलाकर आम इंसान की भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए अपने हितों को साधने का प्रयास करने वाले नेताओं के बीच अगर मोदी पर भी आरोप है, तो कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन अच्छा यही है कि उनके जितना सशक्त, मजबूत इरादों वाला शख्स एक बार जरूर भारत का प्रधानमंत्री बने. ब्रिटेन के बाद अमेरिका ने भी नरेंद्र मोदी के वीजा पर लगाई रोक को हटा दिया है. हो सकता है कि वह भी नरेंद्र मोदी को भारत का अगले प्रधानमंत्री के रूप में देख रहे है.

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