Menu
blogid : 2899 postid : 742523

आदमी सोच तो ले उसका इरादा क्या है

Harish Bhatt
Harish Bhatt
  • 329 Posts
  • 1555 Comments

‘आदमी चाहे तो तकदीर बदल सकता है,
पूरी दुनिया की वो तस्वीर बदल सकता है,
आदमी सोच तो ले उसका इरादा क्या है.

लगभग आपातकाल के दौर में जिंदगी और तूफान फिल्म के लिए राम अख्तर त्यागी के लिखे इस गीत की यह पंक्तियां वर्तमान में उस समय सार्थक सिद्घ हो जाती है, जब नरेंद्र मोदी अपार समर्थन के चलते अपनी सार्थकता साबित करते है. नरेंद्र मोदी की जीत सही मायने में उन लोगों के सबक ही है, जो विपरीत परिस्थितियों से लडऩे के बजाय हार मानकर जिंदगी खो बैठते है. परसों तक किसी ने नहीं सोचा था कि एक शख्स, जिसको रोकने के लिए हरेक ने अपनी ताकत झोंक रखी थी. उसने सिर्फ अपनी सोच के बल पर भारत की तस्वीर बदलने का जो कदम उठाया, वह सही साबित हो गया. नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार, महंगाई जैसे मुख्य मुद्दों से लडऩे के लिए गुजरात के विकास मॉडल को अपना हथियार बनाया. गुजरात के विकास मॉडल की ब्रांडिंग का ही नतीजा है कि देश के कोने -कोने में गुजरात का विकास मॉडल ही छाया है. यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है कि 29 स्टेट्स में 29 सीएम है, लेकिन उनमें सिर्फ एक नरेंद्र मोदी अपनी सोच के दम पर आज भारत के प्रधानमंत्री बन गए है. यह उनकी सोच ही है जिसने भारतीयों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर वह चाहते क्या है, उनके लिए धर्म, जाति महत्वपूर्ण है या विकास. साधारण से परिवार से निकलकर और साधारण जीवन जीते हुए सफलता की उन ऊंचाइयों को छू लिया, जो लगभग हर इंसान का सपना होता है. सपना देखना अच्छी बात है, पर उस सपने को पूरा करने के बारे में सोचना उसे भी अच्छा होता है. साथ ही महत्वपूर्ण होता है हमारा प्रजेंटेशन किस तरह का है. यह बात भी इस इलेक्शन में देखने को मिली. हर बात को एक नए अंदाज में प्रजेंट करने के रिजल्ट भी हमारे सामने है, पीएम द्वारा एक कांफे्रंस में बोले गए अच्छे दिन आने वाले है, वाक्य को नरेंद्र मोदी ने इस तरह प्रजेंट किया कि वह वाक्य आज हर भारतीय की जबान पर है.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh