Harish Bhatt
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ऐ चांद जलवे तो तेरे ही है
भले ही सूरज बिखेरता हो चमक ज्यादा
पर बात उम्र की हो या प्यार की
दुआ मांगने आते है तेरे ही दर पर
मुझे नहीं चाहिए तपिश सूरज की……
ऐ चांद
जिंदगी जीने के लिए
तेरी शीतलता ही बहुत ही है मेरे लिए
सूरज बन दूसरों को जलाने से
अच्छा है तेरे जैसा बनना
जब छा जाए अंधेरा चहुंओर
तब टिमटिमाता रहूं जुगनू के जैसा
इसलिए मैंने भी जॉब ऐसी चुनी
जिसमें काम शुरू होता है
सूरज डूबने के साथ और
खत्म होता है तेरे ढलने के साथ
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